जैसे-जैसे एक मनुष्य को स्वस्थ रहने के लिए भोजन और पानी की आवश्यकता होती है, उसी तरह 7 से 8 घंटे की गहरी नींद भी स्वस्थ रहने के लिए आवश्यक है। क्योंकि नींद के दौरान आपका मन आराम करता है और शरीर अपने आप की मरम्मत करता है। लेकिन अगर आप अच्छी तरह से सो नहीं रहे हैं, तो इससे आपके मस्तिष्क पर गहरा प्रभाव पड़ सकता है। इसके अलावा, आपको मधुमेह, स्ट्रोक, हृदय रोग, कैंसर और एक्टिवनेस, सिरदर्द, त्वचा की क्षति आदि जैसी गंभीर समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है।
हाल ही में एक अनुसंधान ने दावा किया है कि कम नींद आपके मस्तिष्क को क्षति पहुँचा सकती है। चूहों के मस्तिष्कों पर वैज्ञानिकों द्वारा किए गए शोध में यह पाया गया है कि नींद की कमी विचार करने, समझने और निर्णय लेने की क्षमता से जुड़ी होती है। इस अध्ययन को अमेरिकन कैमिकल सोसायटी के प्रोटीन रिसर्च जर्नल में प्रकाशित किया गया है। इस अनुसंधान में, शोधकर्ताओं ने मस्तिष्क के एक संरक्षणीय प्रोटीन का विश्लेषण किया, जिसका स्तर कम नींद लेने के कारण घटता है।
शोध में ये पाया गया है कि इस प्रोटीन को प्लेयोट्रोफिन या पीटीएन कहा जाता है, और यह तंत्रिका तंत्र, हड्डी के विकास, सूजन, कैंसर, मेटास्टासिस और ऊतक मरम्मत जैसे कार्यों में बड़ी भूमिका निभाता है। कम पीटीएन के कारण मस्तिष्क के सोचने और सीखने के केंद्र के रूप में कार्य करने वाले हिपोकैम्पस की कोशिकाएं मरने लगती है । पीटीएन अल्जाइमर और अन्य न्यूरोडेजेनरेटिव बीमारियों से भी जुड़ा हुआ है।